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  • बौद्धिक दास्य में भारत

    ब्राह्मण पुरोहितशाही के पीछे की पाश्चात्य धारणा

    by S. N. Balagangadhara August 29, 2023
    by S. N. Balagangadhara August 29, 2023 228 views

    प्रगतिवादी विचारकों के लिए ‘पुरोहितशाही’ शब्द घिसापिटा शब्द है, जिसका उपयोग कोई भी सकारात्मक तरीके से नहीं करता है।इसीलिए उस शब्द का परिचय फिर से कराने की जरूरत नहीं है।…

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  • बौद्धिक दास्य में भारत

    जीवन का अर्थ ढूँढ़ने का व्यर्थ प्रयास

    by Dr Uma Hegde June 19, 2023
    by Dr Uma Hegde June 19, 2023 139 views

    क्रिश्चियनिटी दावा करता है कि मनुष्य के जीवन के पीछे गॉड का उद्देश्य निहित रहता है। उस उद्देश्य को जानना ही मनुष्य जीवन की सार्थकता की खोज होती है। पाश्चात्य…

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  • बौद्धिक दास्य में भारत

    जाति व्यवस्था की कहानी क्या सिद्धान्त बनेगी

    by S. N. Balagangadhara September 20, 2023
    by S. N. Balagangadhara September 20, 2023 155 views

    कई साल पुरानी बात है। मैं कर्नाटक में एक अनुसन्धाताओं का एक नया वृंद तैयार करने की कोशिश में व्यस्त था। मेरे नये सिद्धान्त के बारे में लोगों में दिलचस्पी…

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  • बौद्धिक दास्य में भारत

    विद्वानों को क्यों लगा कि सभी संस्कृतियों में रिलिजन है

    by S. N. Balagangadhara August 8, 2023
    by S. N. Balagangadhara August 8, 2023 78 views

    पाश्चात्यों ने जिन समाज को देखा उन सभी में रिलिजन को पाया। भारत में उन्हें हिन्दूइज्म, बुद्धिइज्म, जैनिइज्म आदि रिलिजन दिखाई दिये। परन्तु उन्हें संदेह भी था कि ये रिलिजन…

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  • बौद्धिक दास्य में भारत

    क्या भगवान से मृतक की आत्मा को शान्ति मिलती है 

    by S. N. Balagangadhara September 8, 2022
    by S. N. Balagangadhara September 8, 2022 323 views

    क्रैस्तों का सोल जो है उसका भारतीय आध्यात्म में प्रचलित आत्मा शब्द से समीकरण किया गया है। हिन्दूइज्म भी एक रिलिजन समझकर ऐसा अनुवाद किया गया है। ऐसे अनुवाद से…

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  • बौद्धिक दास्य में भारत

    मन्दिर और चर्च के बीच क्या अन्तर है 

    by S. N. Balagangadhara August 23, 2022
    by S. N. Balagangadhara August 23, 2022 151 views

    भारतीय लोग हिन्दूइज्म को एक रिलिजन समझ गये थे तथा वे मान चुके थे कि अपने मन्दिर भी चर्च की तरह धार्मिक संस्थाएँ हैं। परन्तु ऐसी समस्या आई कि कई…

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  • बौद्धिक दास्य में भारत

    भारतीय संस्कृति में डेविल और ईविल की परिकल्पना नहीं है 

    by S. N. Balagangadhara June 16, 2022
    by S. N. Balagangadhara June 16, 2022 512 views

    क्रिश्चियानिटी में गॉड और ईविल नामक परस्पर विरोधी शक्तियाँ हैं। गॉड भलाई का साकार मूर्ति है तो ईविल बुराई का। एक ही स्थान में भलाई बुराई रहना नामुमकिन है। भारतीयों…

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  • बौद्धिक दास्य में भारत

    क्या भारत में एकेश्वरवाद और बहुदेववाद नामक उपासना पद्धतियाँ हैं 

    by S. N. Balagangadhara June 7, 2022
    by S. N. Balagangadhara June 7, 2022 124 views

    मोनोथेइज्म अथवा एकेश्वरवाद के अनुसार गॉड एक ही है। क्रिश्चियानिटी के अनुसार एक देवोपासना ठीक है। भारत में प्रचलित बहुदेवोपासना को पाश्चात्यों ने पाॅलिथेइज्म अथवा बहुदेवोपासना कहकर पुकारा और इसे…

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  • बौद्धिक दास्य में भारत

    भगवान अथवा गॉड पर विश्वास रखने का मतलब क्या है 

    by S. N. Balagangadhara May 17, 2022
    by S. N. Balagangadhara May 17, 2022 331 views

    अंग्रेजी भाषा के ‘बिलीफ’ शब्द का अर्थ होता है कि किसी कही हुई बात या Doctrine को सत्य समझकर विश्वास करना। जब पाश्चात्य लोग भारत आये तब उन्हें लगा कि…

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  • बौद्धिक दास्य में भारत

    ‘मूर्ति पूजन नाजायज है’ कहने की सोच कहाँ से उत्पन्न हुई?  

    by S. N. Balagangadhara March 23, 2022
    by S. N. Balagangadhara March 23, 2022 167 views

    रिलिजन में मूर्ति पूजा करना पाप समझा जाता है। उसे ऐडोलेट्री नाम से पुकारते हैं। इसीलिए पाश्चात्यों को भारतीयों का मूर्ति पूजन ही हिन्दू रिलिजन की अवनति का लक्षण लगा।…

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